दोस्तों आज हम बात करेगे कंपनी क्या है? कंपनी का अर्थ एवं परिभाषा। कंपनी के प्रकार, पंजीकरण तथा विशेषताएं। कंपनी कैसे खोलें? कंपनी कैसे बनती है? कंपनी कैसे स्टार्ट करे? कंपनी रजिस्ट्रेशन कैसे करे?
दोस्तों अगर आप व्यवसाय से जुड़ी थोड़ी बहुत भी जानकारी रखते हैं तो आप कंपनी के बारे में जरूर जानते होंगे। दोस्तों अगर आप अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं तो आपको कंपनी की आवश्यकता पड़ेगी। लेकिन यदि आप एक कंपनी स्थापित नहीं भी करना चाहते हैं तो भी आपको एक कंपनी को जानने की जरूरत होती है। तो दोस्तों यदि आप इसी विषय से जुड़े सवालों का जवाब खोज रहे हैं जैसे कि कंपनी क्या है कंपनी कितने प्रकार की होती है कंपनी की विशेषताएं कंपनी के लाभ, तो दोस्तों आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आज इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं की कंपनी क्या है? कंपनी का अर्थ एवं परिभाषाएं। कंपनी के प्रकार, पंजीकरण तथा विशेषताएं।

कंपनी क्या है? कंपनी का अर्थ एवं परिभाषा :
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आइये जानते है कंपनी क्या है? कंपनी का अर्थ एवं परिभाषा। कंपनी के प्रकार, पंजीकरण तथा विशेषताएं। कंपनी कैसे खोलें? कंपनी कैसे बनती है? कंपनी कैसे स्टार्ट करे? कंपनी रजिस्ट्रेशन कैसे करे?
एक कंपनी एक कृत्रिम कानूनी संगठन है जिसे विभिन्न उद्देश्यों जैसे कि दान, कला, अनुसंधान, धर्म, या व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कानूनों द्वारा बनाया और तैयार किया जाता है। कंपनी के पास, जैसे कि एक व्यक्ति के पास समान अधिकार होते हैं और उसके समान दायित्व होते हैं, होते है। लेकिन उसका न तो कोई दिमाग होता है और न ही उसका कोई शरीर होता है।
परिभाषा:
येल लॉ जर्नल की परिभाषा: “एक कंपनी पेशेवर प्रबंधकों द्वारा संचालित एक जटिल, केंद्रीकृत, आर्थिक, प्रशासनिक संरचना है जो निवेशकों से पूंजी को किराए पर लेती है”।
दोस्तों अब हम कंपनी क्या है? कंपनी का अर्थ एवं परिभाषा, के बारे में जान चुके है। तो दोस्तों अब हम कंपनी के प्रकार के बारे में बात करते है। और अंत में हम कंपनी की विशेषताओं के बारे में बात करेंगे।
कंपनी के प्रकार:
दोस्तों जैसे कि हम अब जान चुके हैं कि कंपनी क्या होती है कंपनी का अर्थ एवं परिभाषाएं तो अब हम कंपनी के प्रकार के बारे में जान लेते हैं दोस्तों इस पोस्ट में मैं आपको पांच प्रकार की कंपनी के बारे में बताने वाला हूं। तो चलिए कंपनी के प्रकारों को जानते है –
Proprietorship in Hindi :-
प्रोपराइटरशिप एक Individual अर्थात व्यक्तिगत कंपनी है जिसका मालिक केवल एक व्यक्ति होता है, यानी कि यह कंपनी केवल एक ही व्यक्ति द्वारा स्थापित की जाती है। दोस्तों इस कंपनी को स्थापित करने में कम कागजी कार्रवाई अर्थात Less Paperwork की आवश्यकता होती है।
Partnership Company:
पार्टनरशिप कंपनी प्रोपराइटर शिप की तरह ही एक अनौपचारिक कंपनी होती है लेकिन इसमें मल्टी पार्टनर की विधि का प्रयोग किया जाता है अर्थात इसमें विभिन्न प्रकार के पाटनर्स होते हैं जो कंपनी के विकास में मदद करते है। और proprietorship की ही तरह इस कंपनी में भी कम कागजी कार्रवाई होती है।
Private Limited Company:
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी Formal कंपनी यानी कि औपचारिक कंपनी होती है जिसमें मल्टी पार्टनर, बहु निवेशक यानी कि मल्टी इन्वेस्टर्स तथा मल्टी डाइरेक्टर होते हैं। इस को स्थापित करने में अधिक कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है।
LLP (Limited Liability Partnership):
दोस्तों लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप भी 1 Formal यानी की औपचारिक कंपनी होती है जिसके मल्टी पार्टनर होते हैं। यदि आसान शब्दों में कहा जाए तो यह कंपनी पार्टनरशिप तथा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का एक मिश्रण होता है। इसमें भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह अधिक काग़ज़ी कार्यवाही की आवश्यकता होती है।
OPC (One Person Company) :
वन पर्सन कंपनी, प्रोपराइटरशिप कंपनी की तरह ही एक व्यक्तिगत कंपनी होती है लेकिन इसमें जो लाभ प्राप्त होते हैं, वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह होते हैं। एक तरीके से यह एक प्रोपराइटरशिप कंपनी है जिसमें आपको सभी कानूनी कार्यवाही के तहत कागजी कार्रवाई पूरी करनी होती है और एक तरीके से एक औपचारिक कंपनी होती है।
कंपनी के नाम संबंधी नियम:
दोस्तों कंपनी के नाम संबंधी नियम को जानने से पहले हमें एक शब्द का अर्थ समझना होगा जो है Suffix ( प्रत्यय )।
प्रत्यय एक अक्षर या अक्षरों का एक समूह होता है जो किसी शब्द के अंत में एक नया शब्द बनाने के लिए या शब्द के व्याकरणिक कार्य को बदलने के लिए जुड़ा होता है। दोस्तों कंपनी के संदर्भ में इस शब्द के अर्थ को हम कुछ अलग तरीके से समझते हैं। दोस्तों उदाहरण के लिए आपने बहुत सारी कंपनी के अंत में Suffix देखा होगा। उदाहरण के लिए आप रिलायंस जिओ का नाम ले सकते हैं। रिलायंस Jio के बाद जो Pvt LTD नाम लगा होता है, उसे Suffix कहा जाता है। तो चलिए अब कंपनी के नाम संबंधी नियमों के बारे में बात करते है –
Proprietorship: दोस्तों यदि आप प्रोपराइटरशिप कंपनी खोल रहे हैं तो आपको उस कंपनी का नाम यूनिक यानी कि अद्वितीय, सबसे अलग रखने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह एक Informal यानी कि अनौपचारिक कंपनी होती है और साथ ही साथ आपको इसमें Suffix लगाने की आवश्यकता भी नहीं होती है। लेकिन दोस्तों आपको इस कंपनी को बनाते हुए, इस कंपनी का नाम रखते हुए एक बात का ध्यान देना होता है कि आपको इसमें किसी भी ट्रेड माक यानी कि किसी भी प्रसिद्ध कंपनी जो पहले से ही स्थापित हो गई है का नाम नहीं रखना चाहिए। उदाहरण के लिए Jio, Airtel, Amazon, Flipkart इत्यादि।
Partnership Company:
यदि आप एक पार्टनरशिप कंपनी शुरू कर रहे हैं तो भी आपको अपने नाम में विशिष्टता लाने की आवश्यकता नहीं है। और प्रोपराइटरशिप की ही तरह इस कंपनी को स्थापित करने में भी आपको एक बात का ध्यान देना चाहिए कि आपको किसी भी ऐसी पहले से ही स्थापित कंपनी का नाम नहीं लेना चाहिए जो बहुत ज्यादा प्रचलित है।
Private Limited Company: दोस्तों प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक औपचारिक कंपनी होती है और जिसका नाम रखते समय आपको इस बात का ध्यान देना होता है कि वह नाम अद्वितीय अर्थात Unique होना चाहिए। उस नाम में विशेषता होनी चाहिए। यदि वह नाम पहले से ही किसी कंपनी ने रख लिया है तो आप उस नाम को नहीं ले सकते हैं। और साथ ही साथ आपको इस कंपनी के नाम के अंत के बाद Suffix लगाना पड़ेगा। उदाहरण के लिए आपने अपनी कंपनी का ना TreeLife रखा है तो आपको TreeLife के बाद Pvt. LTD लगाना पड़ेगा। दोस्तों यदि आप एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोल रहे हैं और यदि आपने इसका नाम रखने से पहले अच्छे तरीके से अनुसंधान नहीं किया है, तो जब उसका नाम रखने के लिए इनकी वेबसाइट पर जाएंगे तो वहां पर आपको पहले ही पेमेंट करनी होगी। और यदि आप पेमेंट कर देते हैं और नाम उपलब्ध नहीं होता है तो यह आपके लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। और ये भी हो सकता है कि आपको आपकी पेमेंट वापिस ना मिले।
LLP (Limited Liability Partnership) : दोस्तों यदि आप लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप कंपनी खोलना चाह रहे हैं तो क्योंकि यह एक औपचारिक कंपनी है तो आपको इस कंपनी का नाम यूनीक ढूंढना होगा और साथ ही साथ आपको प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह कंपनी के नाम के बाद LLP लगाना होगा।
OPC (One Person Company): जैसे कि दोस्तों हमने आपको पहले ही बता दिया है कि ओबीसी एक व्यक्तिगत कंपनी है जिसका मालिक केवल एक व्यक्ति होगा, लेकिन इसके जो लाभ होंगे वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह होंगे। तो इसीलिए आपको इस कंपनी का एक ऐसा नाम रखना होगा जो किसी ने पहले नहीं रखा है। और इसके साथ एक विचित्र बात यह है कि इसके साथ भी एक Suffix लगता है, लेकिन उस से पहले private limited company का Suffix लगाना होता है। उसके बाद आपको OPC लगाना होगा। Eg. Treelife Pvt. LTD (OPC).
कंपनी कैसे खोलें? कंपनी कैसे बनती है? कंपनी कैसे स्टार्ट करे?
कंपनी रजिस्ट्रेशन कैसे करे? कंपनी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस इन इंडिया, कंपनी रजिस्ट्रेशन इन हिंदी
दोस्तों जब आप यह जान गए हैं कि कंपनी का नाम किस तरीके से रखा जाता है दोस्तों और आपने अपनी कंपनी का नाम चुन लिया होगा ऐसे में आपको अपनी कंपनी का पंजीकरण यानी कि रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसीलिए दोस्तों अब हम बात करते हैं कि आप कंपनी का पंजीकरण किस प्रकार से करा सकते हैं। लेकिन दोस्तों रजिस्ट्रेशन यानी कि पंजीकरण कराने से पहले आपको एक शब्द का अर्थ जानना बहुत जरूरी है जो है फॉर्मल पंजीकरण यानी की औपचारिक पंजीकरण।
औपचारिक पंजीकरण : औपचारिक पंजीकरण यानी कि Formal Registration के अंतर्गत आपको अपनी कंपनी का पंजीकरण मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स यानी कि MCA से कराना होगा अर्थात जो भी कंपनी कॉरपोरेट मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स से पंजीकृत होगी वह कंपनी औपचारिक रूप से पंजीकृत मनी चाहिए।
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तो सबसे पहले बात करते हैं प्रोपराइटरशिप कंपनी के बारे –
Proprietorship क्या होता है? Proprietorship Firm Registration Process in Hindi
: दोस्तों प्रोपराइटरशिप कंपनी में आपको किसी भी प्रकार की औपचारिक पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है यदि आप GSTIN ले लेते हैं तो वही आपका पंजीकरण माना जाएगा। लेकिन दोस्तों कुछ राज्यों में हो सकता है कि सिर्फ जीएसटी नंबर लेना पंजीकरण ना माना जाए तो ऐसे में उस राज्य में कंपनी की पंजीकृत प्रक्रिया अलग होगी और आपको अपने राज्य के हिसाब से अपनी कंपनी का पंजीकरण कराना होगा।
Partnership क्या होता है ?Partnership Firm Registration Process in Hindi
दोस्तों या तो आप पार्टनरशिप कंपनी का पंजीकरण औपचारिक रूप से कर सकते हैं या फिर आपको आपकी कंपनी से जुड़े हुए पार्टनर्स का एक एग्रीमेंट तैयार करना होगा। इस एग्रीमेंट में आपको अपने पार्टनर से जुड़ी हुई हर जानकारी देनी होगी।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कैसे बनाये? Private Limited Company Registration Process In Hindi
दोस्तों यदि आप एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोल रहे हैं हम तो ऐसे में आपको फॉर्मल रजिस्ट्रेशन यानी कि औपचारिक पंजीकरण की आवश्यकता होगी अर्थात आपको मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ( MCA) से अपनी कंपनी को पंजीकृत करवाना होगा। और अपनी कंपनी को पंजीकृत करवाने के बाद आपको GSTIN नंबर भी लेना होगा।
LLP (Limited Liability Partnership Act 2008 In Hindi) :
: दोस्तों अगर आप एक LLP यानी कि Limited Liability Partnership कंपनी खोल रहे हैं इस कंपनी का पंजीकरण भी आपको औपचारिक रूप से मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स MCA में करवाना होगा।
OPC (One Person Company In Hindi) One Person Company Registration Process In Hindi :
OPC एक व्यक्तिगत कंपनी है लेकिन इसका पंजीकरण औपचारिक रूप से ही किया जाता है। तो यदि आप एक OPC कंपनी खोल रहे हैं तो उसका पंजीकरण आपको मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स में करवाना होगा। साथ ही साथ आपको अपने साथ काम कर रहे सदस्यों की संख्या, उनकी लायबिलिटी, लीगल स्टेटस, से जुड़ी सारी जानकारी देनी पड़ेगी।
विशेषताएं:
दोस्तों अब हम बात करने वाले हैं कंपनी की विशेषताओं के बारे में। हर कंपनी की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं और इन सभी विशेषताओं के बारे में हम इस पोस्ट में बात करने वाले है। दोस्तों विशेषताओं को जानने से पहले हमें 1 शब्द का अर्थ जानना होगा जो है Entity.
Entity– दोस्तों यदि एक शब्द में entity का अर्थ लिया जाए तो वह होगा अस्तित्व। कानूनी अस्तित्व यानी कि लीगल एंटिटी व्यापार अर्थात बिजनेस से जुड़ा हुआ शब्द है जो किसी बिजनेस के अलग कानूनी पहचान के होने या ना होने से जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए यदि आपकी बिज़नस की एक Legal Separate Entity है तो इसका मतलब है कि आपके बिज़नस की एक अलग पहचान है। यही दोस्तों आपकी बिज़नस की एक अलग पहचान नहीं है इसका मतलब है कि आपका बिज़नेस आपकी नाम से जाना जाएगा। जो आपकी पहचान होगी वही आपके बिजनेस की पहचान होगी।
तो चलिए दोस्तों इन कंपनी की विशेषताओं के बारे में बात करते हैं और सबसे पहले बात करते हैं प्रोपराइटरशिप कंपनी की विशेषताओं के बारे में:
Proprietorship : दोस्तों प्रोपराइटरशिप कंपनी एक व्यक्तिगत कंपनी होती है जिसका मालिक केवल एक व्यक्ति होता है। इस कंपनी की कोई भी सेपरेट एंटिटी नहीं होती है यानी कि जो आपकी पहचान होगी वही इस कंपनी की पहचान होगी। उदाहरण के लिए जो आपका पैन कार्ड होगा वही इस कंपनी का पैन कार्ड होगा।
Partnership: पार्टनरशिप कंपनी में सदस्यों की संख्या 2 से लेकर 20 तक होती हैं। इसकी भी Separate Entity नहीं होती है।
Private Limited Company : दोस्तों जैसे कि पहले कह चुके हैं कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक औपचारिक कंपनी होती है इसीलिए इस कंपनी में सदस्यों की संख्या 2 से लेकर 200 तक होती है। और साथ ही साथ इस कंपनी की एक Legal Separate Entity यानी की अलग पहचान होती है। इस कंपनी से जुड़े हुए सदस्यों का एक सीमित दायित्व होता है यानी कि एक लिमिटेड लायबिलिटी होती है जो उन व्यक्तियों के निवेश पर निर्भर करता है।
LLP – Limited Liability Partnership में सदस्यों की संख्या 2 से शुरू होती है और यह संख्या बढ़ती ही जाती है अर्थात आप जितने सदस्य और डायरेक्टर्स चाहे अपनी कंपनी के साथ जोड़ सकते हैं। और इस कंपनी में जुड़े हुए लोगों का जो दायित्व होता है वह भी सीमित होता है। जैसे कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में होता है उसी प्रकार से यह सीमित दायित्व उनके निवेश पर निर्भर करता है।
OPC – One Person Company की भी एक Separate Entity होती है। क्योंकि भले ही एक व्यक्तिगत कंपनी है लेकिन फिर भी इसके जो लाभ है वह हमें प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लाभों की तरह प्राप्त होते हैं। इसीलिए इसकी एक अलग पहचान होती है और इसीलिए इस से जुड़े सदस्य का भी एक सीमित दायित्व होता है जो उनके निवेश पर निर्भर होता है।
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दोस्तों सबसे पहले हमने बात की कि कंपनी क्या है, कंपनी का अर्थ एवं परिभाषाएं। उसके बाद अपने कंपनी के प्रकार तथा कंपनी के नाम संबंधी नियमों के बारे में बात की। और उसके बाद सबसे अंत में कंपनी का पंजीकरण तथा कंपनी की विशेषताओं के बारे में बात की। आशा करता हूं कि आप को आप के सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा। दोस्तों यदि हमारे आर्टिकल कंपनी क्या है कंपनी का अर्थ एवं परिभाषाएं कंपनी के प्रकार पंजीकरण तथा विशेषताएं से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम जल्दी से जल्दी आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे यदि हमारे आर्टिकल से जुड़ी आप कोई भी राय देना चाहते हैं तो आप कमेंट सेक्शन में दे सकते हैं।
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sir please help mujhe cumpany ka rajistreshan kese karwae
कंपनी क्या है, इस बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हुई। आपने पूरे प्रोसेस को इतनी अच्छे ढंग से समझाया है कि मज़ा आ गया। अब नई कम्पनी का रजिस्ट्रेशन कराना मुश्किल नही रह जायेगा।
Thank You ji
Thank You ji
Company ke bare me puri jankari mili.