नमस्कार दोस्तों आज हम आपको NGO के बारे में बताएंगे, NGO से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आपको देंगे, जैसे एनजीओ क्या है ? Ngo Kaise Khol Sakte H? Ngo Kaise Kam Karta Hai? एनजीओ के कार्य क्या है? एनजीओ के नाम क्या रखे? Ngo के उद्देश्य क्या क्या होते है? Ngo कैसे रजिस्ट्रेशन करे? एनजीओ कैसे बनता है? एनजीओ में अनुदान कैसे ले?
इनके आलावा NGO खोलने से पहले आपको और भी काफी जानकारी होना जरुरी है जैसे की क्या आप NGO खोल सकते हैं? NGO खोलने से आपका क्या फायदा होगा? NGO कितने प्रकार की होती है? NGO के कार्य क्या क्या है? NGO को अप्लाई कैसे करते हैं? NGO के उद्देश्य क्या क्या है? NGO का प्रोसेस क्या है? NGO के लिए क्या जरूरी डाक्यूमेंट्स चाहिए? NGO की फुल फॉर्म क्या है? NGO के लिए फंडिंग या चंदा कैसे ले?
तो दोस्तों आजकी इस पोस्ट में आपको NGO के बारे में पूरी जानकारी हम आपको देगे.
आइये सबसे पहले हम बात करते है
NGO क्या है ? एनजीओ क्या है ? Ngo Ki Full Form l NGO In Hindi ? संस्था क्या है ?
Table of Contents
दोस्तों अगर हम NGO Full Form के बारे में बात करे तो NGO एक नॉन गवर्नमेंट आर्गेनाईजेशन है. अगर हम NGO In Hindi की बात करे तो यह – गैर सरकारी संगठन या गैर-लाभ संगठन / संस्था(Non Government Organization) है जो कि समाज की भलाई के लिए चलाई जाती है. काफी लोग सामान्य बोलचाल में NGO को संस्था भी कहते है.
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इसमें किसी प्रकार का सरकार के द्वारा Tex नहीं होता. किसी खास तरह की Investment नहीं होती. इसमें सिर्फ आपको समाज की भलाई के लिए कार्य करना होता है और सभी Companies , लोग और Governments आपकी इसमें Donation या संस्था के लिए जरूरी सामान देकर मदद करती है, जिससे आप अपने कार्य को धीरे धीरे बढ़ा सकते हैं.
NGO से आपका क्या फायदा होगा ? संस्था बनाने के लाभ ?
दोस्तों सबसे पहले जान लेते हैं कि NGO खोलने से आपको क्या फायदा होगा, क्योंकि हर इंसान के अंदर यह बात जरूर होती है कि यदि वह कोई भी काम करें तो उससे क्या फायदा होगा और यह हो भी क्यों ना क्योंकि यदि हम सिर्फ समाज की सेवा करते रहेंगे और हमें घर से ही सब कुछ लगाना पड़े तो हमारा परिवार इस प्रकार भूखा मर जाएगा.
तो दोस्तों आपको बता देते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है बल्कि आप उससे अपना फायदा ले सकते हैं, जैसे बड़े-बड़े स्तर के लोग अपना टैक्स बचाने के लिए भी NGO शुरुआत करते हैं, वह अपनी NGO खोलकर अपनी NGO में पैसा चैरिटी में लगा कर टैक्स से बच जाते हैं. दोस्तों आप जिस प्रकार धीरे धीरे कार्य करते जाएंगे उसी प्रकार आपका NGO बड़ा होता जाएगा बहुत ज्यादा लोग आपसे जुड़ते जाएंगे और उतना ही fund / डोनेशन आपको मिलता जाएगा और आपको काम करने के साथ-साथ आपका नाम मिलेगा और फायदा/ लाभ भी होगा.
क्या आप NGO खोल सकते हैं ? NGO खोलने के लिए कितना होगा खर्च ?
जी हां आप बिल्कुल NGO को सकते हैं. NGO खोलने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. Ngo खोलने का Process छोटा सा होता है, उससे आप 20 से 30 दिनों के अंदर अपनी NGO शुरू कर सकते हैं. NGO शुरू करने के लिए आने वाला खर्चा भी बिल्कुल ही नाम मात्र होता है. एक NGO खोलने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित कीजिए फीस Registration fees मात्र 50 रुपए रखी गई है, मतलब आपको NGO खोलने के लिए ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं होती है.
*(जो खर्चा आपका एफिडेविट बनवाने पर, नोटरी के साइन करवाने पर, आपके आने जाने का खर्चा, आपकी प्रोफाइल बनाने का खर्चा, आपकी संस्था के पैन कार्ड को बनवाने में और अन्य प्रकार के छोटे मोटे खर्चे रजिस्ट्रेशन फीस से अलग रहेंगे – लेकिन यह खर्चे अन्य किसी भी प्रकार का काम शुरू करने की तुलना में बहुत कम होता है).
NGO खोलने के लिए आपके पास सबसे पहले NGO खोलने का कारण होना चाहिए, जैसे कि आप अपने क्षेत्र में या राज्य में या देश में गरीबी हटाना चाहते हैं, गरीबों को पढ़ाना चाहते हैं, अंधे या विकलांग लोगों की मदद करना चाहते हैं, वृद्ध लोगों की मदद करना चाहते हैं या समाज को होने वाली अन्य परेशानियों को हल करना चाहते हैं. आपको कोई भी एक सामाजिक कार्य चुना है और आपको अपनी NGO के लिए एक अच्छा सा नाम चुनना है, जो कि किसी अन्य संस्था का पहले से नाम ना हो. इसके लिए Ngo Opening Procedure होता है और आपको कहां कहां से चंदा मिल सकता है उसकी हम आपको संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे. तो चलिए हम यह सब बातें जान लेते हैं.
क्या है NGO के एक्ट और धारा ?
NGO की शुरुआत हमारे देश में कई एक्ट और धाराओं तहत हो सकती है, जैसे कि चेरीटेबल एंड रिलीजियस ट्रस्ट एक्ट 1920, पब्लिक वक्फ एक्सटेंशन ऑफ लिमिटेशन एक्ट 1959, इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1982, इंडियन कंपनीज एक्ट 1956 और धारा 25, पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950, रिलीजियस एंडोमेंट एक्ट 1863, वक्फ एक्ट 1954 और मुस्लिम वक्फ एक्ट 1923.
एनजीओ के कार्य क्या है?
दोस्तों पहले जान लेते हैं कि NGO के कार्य क्या क्या हो और उसके पीछे उद्देश्य क्या होता है. NGO शुरू करने के लिए हमें सबसे पहले किसी एक काम को चुनना होगा जैसे कि हम बच्चों को पढ़ाने के लिए, वृद्धों के लिए, महिलाओं के लिए, अंधे बच्चों के लिए, फुटपाथ पर रहने वाले लोगों के लिए, गरीब लोगो की खाने में मदद करने के लिए, समाज या किसी गांव की पानी में सहायता करने के लिए, किसी तरह की बीमारी में मदद करने के लिए, किसी खेल में मदद करने के लिए, किसानों की मदद करने के लिए.
दोस्तों ऐसे बहुत से सामाजिक कार्य है जो कि आप कर सकते हैं. NGO को शुरू करने के लिए आप कोई भी एक निश्चित कार्य चुन सकते हैं मतलब NGO के लिए कोई उद्देश्य (Aim) होना जरूरी है, जिससे आपका NGO चलेगा. अब बात करते हैं इसके उद्देश्य की:-
दोस्तों जब हम कोई कार्य करते हैं तो वह किसी ना किसी उद्देश्य के लिए ही किया जाता है. इसी प्रकार NGO शुरू करने के बाद हमें अपने आप उद्देश्य पता लगता जाएगा, जैसे कि हम ठान लेते हैं कि हमारे देश में बहुत से ऐसे गरीब परिवार है जो अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते और मान लीजिए हमने एक NGO शुरू किया और यह सोचते हैं कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित
ना हो पाए और हम उसे बढ़ाने की पूरी मदद करते हैं जैसे फ्री में एडमिशन, फ्री में ट्यूशन, फ्री में किताबे, फ्री में कपड़े, जूते, सभी की सहायता करना जैसे जैसे हमारी NGO बड़ी होती जाती है उसी प्रकार हमारा कार्य भी बड़े स्तर पर होता जाता है.
जैसे कि मान लीजिए आप अपने छोटे से कस्बे से ही यह कार्य शुरू किया है, जैसे-जैसे आप का आपके साथ लोग जुड़ते ही जाएंगे और आपकी NGO के लिए मदद करते जाएंगे जब वहां के सभी बच्चे आप अच्छे से पढ़ पढ़ाने लगोगे और उनकी बढ़िया तरीके से मदद करने लगोगे और कोई भी बच्चा नहीं रहेगा तो आप दूसरे कस्बे या दूसरे शहर की ओर भी जा सकते हैं. इसी प्रकार करते करते आप एक बड़े स्तर पर अपने NGO को लेकर जा सकते हैं. दोस्तों बच्चों को पढ़ाने का कार्य सिर्फ एक उदाहरण है आप जो मन में चाहे या आप जिस सामाजिक समस्या को हल करना चाहते हैं, आप उस पर काम कर सकते हैं.
आइए अब जानते हैं आप NGO को कैसे शुरू कर सकते हैं.
Ngo कैसे रजिस्ट्रेशन करे? एनजीओ कैसे बनता है? संस्था रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
Ngo Kaise Khole ? Ngo Kaise Start Kare?
Online NGO Registration करने के लिए आपको गवर्नमेंट पोर्टल – https://ngodarpan.gov.in/ पर जाना होगा। यह पर आप NGO रजिस्टर कर सकते हैं. रजिस्टर करने के बाद आपको गवर्नमेंट ngo darpan आईडी मिलेगी जिसको लेकर आप आगे की कार्यवाही कर सकते हैं और इस वेबसाइट पर आप अन्य जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं (गूगल में आप दर्पण आईडी सर्च करके भी इस वेबसाइट पर जा सकते हैं).
दोस्तों NGO open करने से पहले पहले ये पता होना जरुरी है की NGO कितने प्रकार की होती है तभी हम Ngo Kaise Open Kare? के बारे में अच्छे से जान पाएंगे। तो चलिए हम जानते है :
NGO कितने प्रकार की होती है ? Types of NGO in Hindi
दोस्तों आपको बता दें कि “NGO” 3 तरह की हो सकती है जैसे कि सोसायटी, चैरिटेबल ट्रस्ट और सेक्शन 8 चैरिटेबल कंपनी, तीनों का काम एक ही है, तीनों का उद्देश्य/लक्ष्य भी एक ही होता है, इनमें सिर्फ फर्क इनको चलाने के तौर तरीके और इनके रूल्स और इनके कर्मचारियों का होता है. तो आइए आपको इसकी संपूर्ण जानकारी देते हैं.
#No.1. Society Registration – सोसाइटी रजिस्ट्रेशन प्रोसीजर
(i) Society Registration – सोसाइटी रजिस्ट्रेशन के एक्ट, धारा और कार्यशैली.
सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 धारा 21 के अंतर्गत आती है. इसे हम चैरिटेबल सोसायटी भी कह सकते हैं. इनका काम इस प्रकार होता है किसी प्रकार की कला, डिजाइन, सार्वजनिक संग्रहालय, साहित्य का बढ़ावा, ऐतिहासिक चीजों का संग्रह, किसी तरह का आविष्कार, कोई चित्र शैली, अन्य.
(ii) Society Registration – सोसायटी रजिस्ट्रेशन के लिए क्या होना जरूरी है, कौन से हैं जरूरी दस्तावेज और कैसे करें अप्लाई ?
इसे शुरू करने के लिए हम आपको बता दें कि सोसायटी रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले हमें कम से कम 7 लोगों की आवश्यकता होती है, जिसमें सबसे पहले आता है (1) प्रेसिडेंट (President) (2) वाइस प्रेसिडेंट (Vice President) (3) सेक्रेटरी (Secretary) (4) ज्वाइंट सेक्रेट्री (Joint Secretary) (5) ट्रेजरर/ खजांची (Treasurer) (6) एग्जीक्यूटिव (Executive). *(ट्रेजरर/ खजांची पर्सन वह होता है जो संस्था में चल रही सभी ट्रेजरी [लेन-देन] के लिए उत्तरदायित्व रखता है). यदि आप 7 से ज्यादा लोग भी इसमें शामिल करना चाहते हैं तो आपको इस प्रकार रखने होंगे जैसे नो 11, 13, 15, 17 और 19 सदस्य.
दोस्तों इसे शुरू करने के लिए हमें मेमोरेंडम की जरूरत होती है. उसके अंदर हम सारी संपूर्ण जानकारी डालते हैं, जैसे संस्था का नाम क्या होगा, आपका आपकी संस्था का कार्य क्या होगा, आप उस काम को किस तरीके से करोगे, आपकी संस्था में क्या खर्चे आएंगे और आप आने वाले पैसों को किस प्रकार से संस्था के अंदर लगाएंगे, इसके साथ आपको संस्था की प्रोफाइल की डिटेल में जानकारी लगानी होगी. यह सब कार्य होने के बाद आपके द्वारा तैयार किया गया सोसायटी का मेमोरेंडम (Memorandum) और उसकी प्रोफाइल आपको सोसाइटी रजिस्ट्रार के पास या स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा कराना होगा. रजिस्ट्रार के पास पिटिशन (Petition) जो आप जमा कराएंगे उसमें पूरी डिटेल होनी चाहिए जैसे कि आपको बताया गया है आपकी संस्था का नाम, आपको क्या करना है, आप किस तरीके से करोगे और उस संस्था की पूरी जानकारी.
अब बात करते हैं चैरिटेबल ट्रस्ट की:-
#No.2. Charitable Trust – चैरिटेबल ट्रस्ट
(i) Charitable Trust – चैरिटेबल ट्रस्ट के एक्ट, धारा और कार्यशैली
चैरिटेबल ट्रस्ट एक्ट 1882 के अंदर आती है. इनका काम किसी प्रकार की शिक्षा, कृषि, महिला समस्या, स्वास्थ्य समस्या, पर्यावरण और बाल-विकास – इन जैसे कार्य अन्य शामिल हो सकते हैं.
(ii) Charitable Trust – चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए क्या होना जरूरी है, कौन से हैं जरूरी दस्तावेज और कैसे करें अप्लाई ?
चैरिटेबल ट्रस्ट आमतौर पर दो ट्रस्टी होने जरूरी है. चैरिटेबल ट्रस्ट में मुख्य दस्तावेज डीड होता है. डीड चैरिटेबल ट्रस्ट का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. डीड में चैरिटेबल ट्रस्ट की संपूर्ण जानकारी लिखी जाती है. जैसे कि ट्रस्टीयों की कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितनी संख्या हो सकती है और उनकी नियुक्ति को कार्यालय किस लिए हटा सकती है और किन कारणों के चलते नियुक्त कर सकती है. इन सभी के कारण डिटेल में देने जरूरी होते हैं.
इसमें अन्य जानकारी की बात करें तो ट्रस्टीयों के नाम, उनका हलफनामा, चैरिटेबल ट्रस्ट का पंजीकरण शुल्क, 2 रुपए की कोर्ट फीस, स्टांप, चैरिटेबल ट्रस्ट के उत्तराधिकारी के बारे में जानकारी और सभी ट्रस्टीयों का सहमति पत्र भी सभी दस्तावेजों के साथ संलग्न किया जाता है. चैरिटेबल ट्रस्ट के दस्तावेजों को चैरिटी कमिश्नर के द्वारा वेरीफाई किए जाते हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण चैरिटेबल ट्रस्ट की डीड होती है. चैरिटी कमिश्नर की जानकारी आप अपने नजदीकी कचहरी में जाकर भी ले सकते हैं.
आइए अब बात करते हैं चैरिटेबल कंपनी की:-
#No.3 Charitable Company – चैरिटेबल कंपनी
(i) Charitable Company – चैरिटेबल कंपनी के एक्ट, धारा और कार्यशैली
चैरिटेबल कंपनी Section 1956 act 25 (1) (a) & (b) के अंदर आती है. चैरिटेबल कंपनी के कार्यशैली की बात करें तो इसके अंदर विज्ञान को बढ़ाने के लिए, कला, दान, धर्म और वाणिज्य आते हैं. यह कंपनी अपनी आए और मुनाफे का उपयोग उठाए गए बीड़ा को पूरा करने में करेगी और इसके सदस्यों को लाभ नहीं देगी. यह इस कंपनी का नियम रहता है.
(ii) Charitable Company – चैरिटेबल कंपनी के लिए क्या होना जरूरी है, कौन से हैं जरूरी दस्तावेज और कैसे करें अप्लाई ?
सेक्शन 25 के अनुसार चैरिटेबल कंपनी के अंदर/ अंतर्गत कम से कम तीन ट्रस्ट आनी चाहिए. इस कंपनी के लिए हमें फॉर्म 1a की जरूरत होती है. इस फॉर्म को भरने के बाद हमें आवेदन कंपनी रजिस्ट्रार को भेजना होता है. लेकिन इस में ध्यान रखने योग्य यह बात जरूरी है कि आप कंपनी के तीन अलग अलग नाम दे, क्योंकि यदि 1 नाम किसी कारणवश खारिज हो जाए तो उसकी जगह दूसरा नाम जो कि आपके द्वारा दिया गया है उस नाम की पुष्टि की जाए. नाम का पुष्टिकरण/ वेरीफिकेशन होने के बाद हमें 7 दिन के अंदर संस्था की प्रोफाइल प्रस्तुत करनी होती है.
किसी भी प्रकार की NGO में ध्यान रखने योग्य और लागू होने वाली बातें.
सबसे पहले हम बात करते हैं उन चीजों की जो किसी भी NGO को शुरू करने के लिए आवश्यक होती है :-
- आपको अपनी संस्था के लिए एक नाम सोचना होगा जो कि किसी और संस्था द्वारा पहले प्रयोग ना किया गया हो और वह नाम आपकी संस्था के कामकाज से मिलता जुलता होना चाहिए.
- एक NGO शुरू करने के लिए हमें सबसे पहले उसका पैन कार्ड बनवाना जरूरी होता है, उसके बाद उसी संस्था का एक बैंक अकाउंट खुलवाना भी जरूरी होता है और उस बैंक अकाउंट में सभी प्रकार की लेन-देन दिखानी छोटी है और हर साल अकाउंट का सीए के द्वारा पैसों के लेन-देन का ऑडिट/Audit करवाना जरूरी होता है.
- NGO खोलने के लिए हमें अपनी वह जमीन दिखानी जरूरी होती है. जहां पर हम NGO शुरू करने वाले हैं उस जमीन की आपको रजिस्ट्री दिखानी होगी. यदि वह जमीन आपकी खुद की नहीं है तो घबराने की बात नहीं है इसके लिए आप किराए पर भी जमीन ले सकते हैं, लेकिन किराए पर ली गई जमीन का उसके मालिक के द्वारा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) और उस जमीन का एग्रीमेंट दिखाना जरूरी होगा, जैसे 5 साल तक जमीन के मालिक को उस जगह पर आपकी संस्था चलाने पर कोई एतराज नहीं होगा.
- आपकी संस्था के लिए आपको सदस्य/ कर्मचारी भी इकट्ठे करने होंगे जो इस संस्था को चलाने के लिए आपकी मदद करेंगे और आपकी संस्था में भागीदार रहेंगे. उन सभी सदस्यों के आपको उनके द्वारा हस्ताक्षर किए गए आईडी प्रूफ और एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होने अनिवार्य है. *(जैसा कि आपको बताया गया है कि NGO तीन प्रकार की होती है तो हर प्रकार की NGO में सदस्यों/ कर्मचारियों की संख्या अलग अलग होती है जिनका जिक्र हम बाद में करेंगे).
- इसके बाद हमें जरूरत होती है हमारी संस्था की प्रोफाइल की. प्रोफाइल संस्था का एक महत्वपूर्ण अंग होता है. प्रोफाइल में संस्था के बारे में कहां और क्या से लेकर क्यों तक संपूर्ण जानकारी होती है. प्रोफाइल की जरूरत हमें हर जगह पड़ती है, जैसे कि हमें लोगों को हमारी संस्था से जोड़ना हो या किसी कंपनी को या किसी सरकारी संस्था को हमारी संस्था से जुड़ना हो ताकि हम लोगों से और अन्य संस्थाओं से ज्यादा से ज्यादा चंदा ले सके हम आगे जानेंगे की प्रोफाइल को कैसे बनाते हैं.
NGO प्रोफाइल (Profile) कैसे तैयार करते हैं ?
दोस्तों प्रोफाइल की जानकारी हर प्रकार की NGO के लिए एक तरह की ही होती है. तो चलिए जानते हैं प्रोफाइल क्या होती है ?, प्रोफाइल के अंदर क्या क्या जरूरी होता है ? और प्रोफाइल को किस ढंग से बनाते हैं ?.
(i) हर संस्था के लिए उसकी प्रोफाइल (Profile) या ब्रोशर (Brochure) उसका एक मुख्य घटक होता है, क्योंकि यह प्रोफाइल जब तक आपकी संस्था चलेगी तब तक आपको काम आती रहेगी. इसलिए प्रोफाइल को बहुत सोच-समझकर ही बनाना चाहिए लेकिन ध्यान रखने योग्य एक बात यह है कि आप कभी भी किसी अन्य संस्था की प्रोफाइल की कॉपी ना करें, संपूर्ण प्रोफाइल अपने आप ही अपनी सूझबूझ से तैयार करें. प्रोफाइल के अंदर आपकी संस्था की हर एक जानकारी होती है, जैसे कि आपकी संस्था का नाम, उसके सदस्यों का नाम, आपकी संस्था से कांटेक्ट करने की जानकारी, आपकी संस्था कब से चल रही है और किस एक्ट के तहत चल रही है.
आपकी संस्था का उद्देश्य क्या है. आपने इस संस्था का निर्माण क्यों किया. आप किस तरह से अपने संस्था के द्वारा लोगों की कितनी अच्छे तरीके से मदद कर सकते हैं. आपकी संस्था कितना लाभ या चंदा प्राप्त करती है और आप उस चंदे को अपनी संस्था में कहां कहां पर उपयोग करते हैं. तो चलिए दोस्तों आपको हम प्रोफाइल का स्वरूप बता देते हैं की प्रोफाइल को किस ढंग से तैयार करना होता है. *(ढंग से मतलब यह है कि कौन सी चीज आप पहले लिखेंगे कौन सी चीज आप बाद में लिखेंगे और प्रोफाइल के अंदर कौन सी बात पर आप को सबसे ज्यादा गौर करके लिखना होगा और किस तरीके से आप अपनी संस्था के लिए एक बेहतर प्रोफाइल बना सकते हैं).
(ii) सबसे महत्वपूर्ण ध्यान रखने योग्य बात यह है कि प्रोफाइल अंग्रेजी में होनी चाहिए, क्योंकि यह प्रोफाइल आपकी जिंदगी भर काम आती है – आपको बहुत सी कंपनियों और बहुत सी अन्य संस्थाओं के आगे इसे प्रस्तुत करना होता है. इसलिए यह अंग्रेजी भाषा में होनी जरूरी है. हिंदी भाषा हर जगह स्वीकृत नहीं की जाती. लेकिन इसमें भी ध्यान रखने योग्य बात यह है कि अंग्रेजी भाषा भी सरल होनी चाहिए, मतलब ज्यादा कठिन अंग्रेजी का इस्तेमाल ना हो, सरल अंग्रेजी से तात्पर्य यह है कि यह हर आम आदमी को भी समझ आए.
(iii) आपकी प्रोफाइल का सबसे महत्वपूर्ण अंश यह होता है की आपकी प्रोफाइल का कवर (Main Cover or Front Page/Screen of Book) दिखने में आकर्षक हो. उसको आपने बहुत अच्छे से डिजाइन किया हो, अच्छा सा वॉलपेपर या फोटो हो, आपकी फाइल के तौर पर आपकी संस्था का लोगो (Logo), उसका नाम, और नीचे आपकी कांटेक्ट डिटेल (Contact Details) दी गई हो. प्रोफाइल का कवर दिखने में आकर्षक लगना चाहिए क्योंकि फर्स्ट इंप्रेशन इज दा लास्ट इंप्रेशन “First impression is the last impression” होता है.
(iv) इसके बाद बात करते हैं पूरी NGO Profile कैसे लिखनी या तैयार करनी है:-
- a) सबसे पहले मुख्यपृष्ठ आता है जहां पर हम टेबल ऑफ कंटेंट (Table of content) लिखते हैं, जैसे हमने इस पेज पर क्या डिटेल दी हुई है.
- b) हमारे रजिस्ट्रेशन की डिटेल क्या है. हमने कौन से एक्ट के अंदर संस्था का उद्घाटन कर रहे हैं. किस तारीख को शुरू कर रहे हैं.
- c) हमारा हमारी संस्था का पैन कार्ड नंबर क्या है. संस्था की बैंक की डिटेल्स क्या है.
- d) आपकी संस्था का रजिस्टर्ड ऑफिस कहां पर है, वह खुद का है या किराए पर लिया हुआ है किराए पर लिया हुआ है तो उसका एग्रीमेंट और उसके मालिक के द्वारा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC).
- e) उसके बाद प्रोफाइल में हम संस्था का इंट्रो करवाएंगे, जैसे अपनी इस संस्था को क्यों शुरू किया, आपने संस्था के बारे में क्या सोचा है और आप संस्था के अंदर काम करके क्या उद्देश्य रखना चाहते हैं.
- f) आपकी संस्था की कुल आय और व्यय क्या है, संस्था की कुल संपत्ति कितनी है. उसका संपूर्ण विवरण.
- g) सभी सदस्यों/ कर्मचारियों के सहमति पत्र और संस्था के सभी सदस्यों/ कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य की रिपोर्ट और उनका पुराना अपराधीक रिकॉर्ड.
- h) संस्था के नियम क्या है.
- i) सबसे लास्ट और सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट होता है belief का *(मतलब विश्वास का). आपकी प्रोफाइल के अंदर यह पॉइंट इसलिए जरूरी होता है ताकि पढ़ने वाले को आप पर पूरा भरोसा हो कि आप जो काम करोगे वह सही करोगे. क्योंकि कोई भी चंदा देने से पहले यह बात जरूर सोचता है कि कहीं आप फ्रॉड तो नहीं है. इसीलिए आपको विश्वास दिलाना जरूरी है. विश्वास के लिए आप इस तरह की बातों का इस्तेमाल करेंगे जैसे आपकी संस्था में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो आप उनका समाधान अवश्य करेंगे और कैसे करेंगे. आप उसके लिए कुछ उदाहरण भी उसमें दे सकते हैं, आप 4-5 छोटी से बड़ी समस्याओं का जिकर कीजिए और उनकी समस्या का समाधान अपनी सोच भुज से दे, *(आप जिस प्रकार की संस्था खोलेंगे और उसमें जिस प्रकार का काम करेंगे उसके लिए आप उसी काम से जुड़ी हुई कुछ एक समस्याओं का जिक्र करें जो कि उस काम में बाधा डाल सकती है और उन्हीं का समाधान लिखें). ताकि लोगों को विश्वास हो कि आप किसी भी समस्या के चलते संस्था को नहीं रुकने देंगे.
How To Get Funds For Ngo In India
NGO में चंदा कहां से मिलेगा ? NGO के लिए Funding कैसे ले ? NGO में चंदा लेने के लिए कहां और कैसे अप्लाई करें ?
संस्था के लिए हम चंदा कई तरह से इकट्ठा कर सकते हैं या प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि सरकार से चंदा/फंड/मदद, कंपनियों से चंदा/फंड, लोगों से चंदा/उपहार/मदद या किसी अन्य सामाजिक गतिविधियों और बड़ी संस्थाओं से भी हम मदद प्राप्त कर सकते हैं. हम आज आपको इनमें से तीन सबसे महत्वपूर्ण चंदा/फंड प्राप्त करने के तरीकों के बारे में बताएंगे :-
NGO में चंदा/फंड के लिए लोगों से मदद कैसे ले ?
सबसे पहले शुरू करते हैं लोगों से, जो कि सबसे छोटे स्तर पर और आपकी संस्था के सब से शुरू में काम आने वाला स्तर है – शुरू में आप अपने आसपास के क्षेत्र को लेकर अपना काम शुरू कर दीजिए. अब शुरू में यह मत सोचिए कि आप को चंदा कहां से मिलेगा. जैसे-जैसे आप काम करते जाएंगे उसी प्रकार आप से लोग जुड़ते जाएंगे और आपकी संस्था का उतना ही ज्यादा नाम होता जाएगा और लोग आपको चंदा देते जाएंगे. जैसे कि उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आप गरीब बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं तो आप कुछ बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दीजिए. धीरे धीरे आप बच्चों की संख्या बढ़ाते जाइए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में पता चलता जाएगा. सभी लोग सामाजिक कार्य में पैसा लगाना चाहते हैं और कभी ना कभी पैसे जरूर लगाते हैं. लेकिन उनको यह विश्वास होना चाहिए कि उनका पैसा ठीक जगह पर जा रहा है या नहीं. इसलिए पहले आप सभी का विश्वास जीते. कुछ लोग आपको पैसे देकर मदद करेंगे और कुछ लोग आपकी संस्था के बच्चों के पढ़ाने के लिए काम में आने वाली वस्तुए आपके पास आकर बच्चों को प्रदान करेंगे.
NGO में Funding के लिए सरकार से मदद कैसे ले ? Government Funds For Ngos In India l Government Funds For Ngos In India
जब आपकी संस्था 3 साल तक बिल्कुल ठीक ढंग से चले और आपकी संस्था से काफी लोग जुड़ जाएं, मतलब आप समाज के हित में काफी कुछ काम कर दे तो आप को सरकार भी अपनी तरफ से मदद करती है. सरकार आपको आपकी संस्था चलाने के लिए और उसको आगे नेशनल लेवल तक बढ़ाने के लिए आपको फंड प्रोवाइड करती है. इसके लिए आप 3 साल से पहले अप्लाई नहीं कर सकते. इसकी जानकारी साइट से भी जा कर ले सकते हैं या जहां से आपने NGO रजिस्टर्ड कराया है वहां से भी आप इसकी सूचना प्राप्त कर सकते हैं.
NGO में Agencies से Funding कैसे ले ? CSR funding कैसे ले ?
CSR funding क्या है ? CSR funding के लिए कैसे करें अप्लाई ? CSR की फुल फॉर्म क्या है ? CSR funding कब से लागू है ?
NGO को कंपनियों से मिलने वाला चंदा/फंड ही CSR Funding कहलाता है. आपको CSR Funding के बारे में बताने से पहले आइए इसको जान लेते हैं आखिर सीएसआर फंडिंग क्या है.
CSR Funding की फुल फॉर्म Corporate Social Responsibility (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) है या इसे हम Corporate Social Activity (कॉरपोरेट सोशल एक्टिविटी) भी कह सकते हैं.
कोई भी कंपनी जब कोई उत्पाद बनाती है तो वह प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग जरूर करती है, क्योंकि उसके बिना कोई भी उत्पाद बना पाना मुश्किल और असंभव जैसा है. जब भी कोई कंपनी कोई प्रोडक्ट/उत्पाद बनाती है तो उस कंपनी/कारखाने से प्रदूषण जरूर होता है, जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और अन्य प्रकार के भी प्रदूषण होते हैं, जोकि सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए किसी ना किसी प्रकार से वह हानिकारक होता है. इससे हुआ यूं कि हर कंपनी को तो फायदा (उत्पाद की बिक्री पर लाभ) हुआ लेकिन आम जनता को उसका नुकसान उठाना पड़ता है.
इसके लिए सरकार ने एक नियम बना दिया की हर कंपनी को उसके 3 साल के लाभ का कम से कम 2 परसेंट खर्च सामाजिक कार्यों, सामाजिक गतिविधियों या सामाजिक कल्याण पर लगाना होगा. यह नियम सिर्फ भारत की कंपनियों के लिए ही नहीं बल्कि भारत में स्थित सभी प्रकार की विदेशी कंपनियां, विदेशी कंपनी के परियोजना कार्यालय और विदेशी कंपनियों की शाखाओं पर भी लागू होता है. यह नियम उन कंपनियों के लिए लागू होता है जिस कंपनी का प्रतिवर्ष लाभ 5 करोड़ रुपए से ज्यादा हो या उनका 1 साल का टर्नओवर/नेटवर्थ (turnover/net worth) मतलब लेनदेन 500 करोड़ रुपए से लेकर 1000 करोड़ रुपए तक हो.
आप बड़े स्तर की कंपनी या उसके किसी भी शाखा में जाकर अपनी NGO की प्रोफाइल को दिखाएं और उनको अपने सामाजिक कार्य के बारे में बताएं जो आपने किए है. ताकि वह कंपनी आपकी संस्था को फंड देकर मदद कर सके. इसीलिए आपकी संस्था की प्रोफाइल बहुत ज्यादा महत्व रखती है और जितना ज्यादा कार्य आप अपनी संस्था में करोगे और जितने ज्यादा लोग आपकी संस्था से जुड़ेंगे और जितना ऊंचा स्तर आपकी संस्था का होगा आप उतनी ही बड़ी कंपनी में जाकर फंड के लिए बात कर सकते हैं.
CSR Funding Section 135 और Rule 42 के अंतर्गत आता है. इस रूल के तहत सभी प्रकार की NGO संस्थाएं इसका फायदा उठाती है. CSR Funding का रूल 1 अप्रैल 2014 से लागू हैं. CSR Funding के लिए 2016 में एक सर्वे किया गया था जिसमें पता चला कि भारतीय और विदेशी कंपनियों ने 99% तक CSR के नियमों का पालन बहुत अच्छे से किया है. CSR Funding की वजह से आम जनता को फायदा तो होता ही है साथ में सरकार को भी खर्च करने से थोड़ी राहत मिलती है और आम जनता की नजर में कंपनी भी अच्छे आंकड़ों में आ जाती है.
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दोस्तों आशा करता आप जान गए होंगे कि एनजीओ क्या है? NGO कैसे खोले? NGO के कार्य l संस्था का रजिस्ट्रेशन कैसे करे? दोस्तों यदि हमारे आर्टिकल Ngo Kaise Khol Sakte H? Ngo Kaise Kam Karta Hai? एनजीओ के कार्य क्या है? एनजीओ के नाम क्या रखे? से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है। हम जल्दी से जल्दी आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे। यदि आप हमारे आर्टिकल Ngo के उद्देश्य क्या क्या होते है? Ngo कैसे रजिस्ट्रेशन करे? एनजीओ कैसे बनता है? एनजीओ में अनुदान कैसे ले? से जुड़ी कोई भी राय देना चाहते है तो आ कमेंट सेक्शन में दे सकते है।
संदीप कुमार says
सर में लोगो की मदद करना चाहता हुं किस संस्था से जुड़े की में लोगो की मदद कर सकू। ये मेरा मोबाईल नम्बर 6387011153 में उस संस्था का सदस्य या कर्मचारी बन सकता हु कृपया एसी कोई संस्था बताइए में (उत्तर प्रदेश )के( कौशाम्बी जिले) के सैनी क्षेत्र में रहता हु संस्था का नाम वा नम्बर दे आपकी महान दया होगी जय हिंद सर
Narad says
Sir I want to start a NGO
Can I open a Gaushala with that Ngo?
Bharat Kalal says
Thank you very much for very very useful guidelines.
sir muje ye puchana he ke online registration karne se pahele sare documents ready karne hoge
jaisa ki Pan card , Trust Beed, rent agreement aur jo bhi he.
please reply kare.
BharatSingh
Sanju vishwkarma says
Sir Main ngo m kam karti hu per m khud ka ngo Kholna chati hu or MP ke bhut chote Sher se hu. To sir ap batiye m kaise start krun
Anil Kumar says
Aap mujhe mail kr skte ho
Lifeokakb@gmail.com
Sunder Pal says
Freesewa (sirf apna kharcha jaise khana rahana)
कुंदन कुमार आर्य says
प्रिय भाइयों मेरा नाम कुंदन कुमार आर्य है और मैं बिहार राज्य के नवादा जिला के छोटे से गांव का रहने वाला हु ओर मुझे सामाजिक कार्यो या सामाजिक उद्देश्यों के लिए एक सामाजिक संस्था NGO का निर्माण करना है क्रपया सही मार्ग दर्शन करें मेरा wtsaap no 9771567789 , 9304795157,
NEEREAJ KUMAR TIWARI says
KUNDAN JI : Mai Neeraj Tiwari – Bihar ka hinrahnebwala hun,
Delhi se NGO/NPO : OMS Earth Foundation ke Name se
Desh ke Sabhi State me Pachuche ka pryash hain …
kripya jakari ke liye Judiyega : Contact No. 9413693135 / 8141941707
chetan pahade says
bahut acchi post hai aapki dil khush ho gaya badhakar aapne bahut acchi jankari di hai
Subhash chand says
I’m Subhash chand Noida se muje ENGO garibe ko mitena h es tar ki samaj ki seba karni h aap betodo kaya I’m seba kar saktahu
Rohtash Nimi says
yes ji aap kr skte hai
अक्षय व्यास says
प्रिय भाइयों मेरा नाम अक्षय व्यास है और मैं मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन जिले के छोटे से गांव का रहने वाला हु ओर मुझे सामाजिक कार्यो या सामाजिक उद्देश्यों के लिए एक सामाजिक संस्था NGO का निर्माण करना है क्रपया सही मार्ग दर्शन करें मेरा wtsaap no,8889096890
Ramashankar Nishad says
श्रीमान सर मैं बेघरों को रहने का या जिसके पास घर ना हो रहने पर मजबूर हो गरीब परिवार से हो कोई विकलांग है तो मैं जो नई दिल्ली एनजीओ में केयरटेकर हूं सर मैं सेफ अप्रोच में काम करता हूं मैं एक सामाजिक सेवा करता हूं दूसरे के अंडर में रहकर मैं समाज लोगों को फुटपाथ पर सोने वालों को सेवा करता हूं तो सर मैं चाहता हूं मैं अपना खुद अपना एनजीओ खोलें और मुझे थोड़ा बहुत ही 2 साल का एक्सपीरियंस है मैं चाहता हूं मैं अपने गांव में रहकर अपने क्षेत्र में गरीब समाज लोगों के लिए कुछ करना चाहता हूं इसके लिए हमें रास्ता बताएं हम समाज जनता के लिए कुछ कर सकूं धन्यवाद
Raheesh khan says
Apna number send kijiye
Manish Kumar Jaiswal says
मुझे अपने गांव में बुजुर्गों के लिए एक वृद्ध आश्रम और लड़कियों के लिए कराटे क्लास खोलना है कृपया मार्गदर्शन करें
Surjit says
M bhi ngo kolna chata hu un ma baap k liye jinko koi vard avasta m dekh bhal nahi karta please mere sath seva kare mera contact no 8670044517 ex army Surjit Sherawat
preeti says
me also want help old age people
चक्रवर्ती मिथुन सिंह राजपूत says
श्रीमान जी अगर हम रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएं तो संस्था कौन सी चारा के तहत चला सकते हैं या नहीं लाभ व हानि बताएं।और रजिस्ट्रेशन कर के संस्था चलाएंगे तो हानि व लाभ कृप्या बताएं
(जनसेवा)
Parvez saifi says
N G O ka koi misuse kre to cancal kese krwayi jati hai
Deepa singhal says
Maine bhi apni NGO aabhi register karai hai.if anyone join NGO plz contact me.
8178271032mobile no.hai
If anyone have land plz contact me.i am from faridabad
Arun says
I wana to join u my number is 7838101125 and my name is Arun sharma.
Karishma rajput says
M karna chahti hu sir ,mera naam karishma rajput h from haryana hisar
साईं वेल्फैर सोसाइटी says
सर हमने अपनी एक सोसाइटी बनायीं है जिसको चार महीने हो गए है हमे इसके बारे में जादा कुछ नहीं पता है क्रप्या हमें बताये की सोसाइटी केसे काम करती है क्या क्या काम कर सकती है और हम फण्ड केसे इक्कठा करे ताकि लोगो की मदद कर सके अभी तक हम अपनी जेब से खर्च करते हमारी सोसाइटी में 22 लोग है
Deepa singhal says
Where r u from
Karan Rana says
Very good informations
Gajraj tanwar says
Sir me global wormeek pr ngo bananaa chahta hu
DeshDeepak Sharma says
हमारी संस्था विगत 2009 से ग्रामीण विकास कार्य कर रही है। महिलाओं के विकास लिए प्रयास किया गया साथ किसानो ंके विकास के लिए भी कार्य किया गया है। संस्थान भारत की दूसरी सबसे बड़ी बैंक राश्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड के सहयोग से निरंतर कार्य रत है। अच्छी संस्थाओं को अवसर प्राप्त होता है। कोशिश करते रहें।
Deepak Singh says
9771105035 mera contact no hi plz kuch sajesation Da sakte hi es no pr
Raheesh khan says
7627000842 call me deepak sir
Karishma rajput says
M bhi apna ngo kholna chahti hu hisar haryana se hu sir m bhi plz mujhe apke number and kr digiye
Raj Singh says
Gramin chetra me NGO Kya Kam kar sakti h mai NGO kholna chahta hu
Deependra Yadav says
I like
Yashwant kumar banda says
Working plan in NGO kaise karen social sector mei?? In hindi
Satyaveer rathore says
Jankari ke liye thank you sir jankari very good hai
लेखराज सिंह गुर्जर says
ग्रामीण क्षेत्र में कैसे NGO ki जरूरत होती हैं
Ngo के साथ गोसाला भी खुल सकती हैं क्या
Makhan yadav says
एनजीओ का मुख्य उद्देश्य गरीब बच्चों का भविष्य को बनाने के लिए एनजीओ की स्थापना करना चाहता हूं जिसके लिए तन मन धन से अपने को गांव शहर अपने गरीब परिवार के बच्चे के कल के विकास के लिए अपना हम उस समय देखकर कल का भविष्य तैयार करने के लिए तैयार हैं
Rajesh says
Thanks Acchi jankari Di hai
Vashishtha Mani Tiwari says
Soicity se kis tarah funding liya jaye
Harsha saini says
Hello sir m b apna NGO open krana chahti hu, m Mathura se belong krti hi jisase gareeb logo ki madad kr ske plz help kre
Bhupendra Singh Maurya says
Abhi app Kya karte ho
Ansar Pathan says
Nice yar very happy ditels
pradeep kumar tiwari says
thank you sir ji aaj hum jan pae ngo kya hai
Rajkumar Pahwa says
Thanks, very good information and really enjoyed reading. Best of luck
Vikash says
Bahut sundar
PANKAJ KUMAR says
Bahut achhi jankari ,I am so happy to read article so thanks u.