Vishwakarma Day 2019 l विश्वकर्मा डे जयंती 2019 l विश्वकर्मा डे पूजा विधि और आरती।
विश्वकर्मा डे (Vishwakarma Day) हमारे भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष त्यौहार है। विश्वकर्मा डे जयंती का दिन भगवान विश्वकर्मा के जन्म अवसर मनाया जाता है। विश्वकर्मा डे कब है, विश्वकर्मा डे क्यों मनाया जाता है तथा विश्वकर्मा पूजा विधि तथा आरती के बारे में हम आगे बात करेंगे। तो दोस्तों सबसे पहले विश्वकर्मा डे कब है अर्थात विश्वकर्मा डे जयंती 2019 के बारे में बात करते है।

विश्वकर्मा डे कब है ? विश्वकर्मा डे कब मनाया जाता है ? Vishwakarma Day 2019 विश्वकर्मा डे जयंती 2019:-
विश्वकर्मा डे जयंती हर साल 17 या 18 सितंबर को ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। विश्वकर्मा डे जयंती 2019 में 17 सितंबर को ही मना लयी जाएगा। कुछ स्थानों पर ये त्यौहार दिवाली के बाद भी मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे दीवाली के अगले दिन क्यों मनाया जाता है के बारे में हम आपको बाद में बताएंगे। तो दोस्तों अब बात करते है की विश्वकर्मा डे 17 नवम्बर को ही क्यों मनाया जाता है बल्कि ज्यादातर हिन्दू त्योहारों की तिथियां बदलती रहती है।

विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, असम, त्रिपुरा और पूर्वी भारत के अन्य हिस्सों में हर वर्ष मनाई जाती है। अधिकांश हिंदू त्योहारों को एक स्थिर तिथि पर नहीं मनाया जाता है क्योंकि अधिकांश शुभ दिन और त्यौहार चंद्र कैलेंडर और तिथि – चंद्र दिवस पर निर्भर करते हैं, जो सालाना बदलता है। लेकिन अधिकांश बार विश्वकर्मा डे 17 सितंबर को होता है (बहुत कम ही ये दिन भिन्न हो सकता है)।
ऐसा इसलिए है क्योंकि विश्वकर्मा डे के दिन की गणना सूर्य के गोचर के आधार पर की जाती है। बंगाली में अनुसरण किए जाने वाले पंचांगों के दो प्रमुख रूप या कक्षाएं हैं सूर्यसिद्धांत और बिसुधासिद्धांत।
विश्वकर्मा डे जयंती हिंदू धर्म में ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। विश्वकर्मा डे भाद्र के बंगाली महीने के अंतिम दिन, विशेष रूप से भद्रा संक्रांति पर निर्धारित की जाती है। यही कारण है कि जब सूर्य सिंह से कन्या पर हस्ताक्षर करता है इसे कन्या सक्रांति के रूप में भी जाना जाता है।
विश्वकर्मा डे से पहले के पांच महीनों में आमतौर पर बंगाली वर्ष के 156 दिन होते हैं। कुछ वर्षों में, पांच महीनों में से एक दिन कम या ज्यादा हो सकता है क्योंकि बंगाली महीने में दिनों की संख्या 29 और 32 के बीच में उतार–चढ़ाव होता है। ऐसा तब होता है जब भद्रा का अंतिम दिन एक दिन पीछे या आगे बढ़ जाता है। इसीलिए कभी कभी ये दिन 18 सितंबर को भी आ जाता है। और ऐसा पिछले 2 दशकों में सिर्फ 2 ही बार हुआ है। दोस्तों अब हम विश्वकर्मा डे कब है अर्थात विश्वकर्मा डे कब मनाया जाता है को जान चुके है। तो दोस्तों यदि आप नहीं जानते कि विश्वकर्मा डे क्या है तो अब जान लेते है कि विश्वकर्मा डे क्या है?
विश्वकर्मा डे क्या है? Vishwakarma Day Jyanti Kya Hai ?
विश्वकर्मा डे भगवान विश्वकर्मा को समर्पित एक शुभ दिन है जो दिव्य वास्तुकार के रूप में जाना जाते है। भगवान विश्वकर्मा अपने हथियारों और वाहनों के साथ हिंदू देवी–देवताओं के सभी महलों के निर्माता हैं। विश्वकर्मा जयंती का त्यौहार हर साल भगवान विश्वकर्मा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। विश्वकर्मा डे जयंती को भारत के पूर्वी राज्यों जैसे कि उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और त्रिपुरा में बंगाली भद्र महीने के अंतिम दिन ‘बिस्वकर्मा पूजा‘ के रूप में मनाया जाता है। इसे ‘कन्या संक्रांति‘ या ‘भद्रा संक्रांति‘ के रूप में भी जाना जाता है। विश्वकर्मा जयंती पूरी दुनिया के कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिन है।

विश्वकर्मा वास्तुकार हैं, इसलिए हर साल हिंदू त्योहार को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। वे अपने कारखानों और औद्योगिक में पूजा का आयोजन करते हैं। यह दिन आर्किटेक्ट, इंजीनियर, कारीगर, यांत्रिकी, कारखाने के श्रमिकों और अन्य लोगों द्वारा बड़ चड़ कर मनाया जाता है। लोग अपने–अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करने के लिए सर्वशक्तिमान विश्वकर्मा से आशीर्वाद मांगते हैं। अक्टूबर–नवंबर के महीने में गोवर्धन पूजा के साथ दिवाली के एक दिन बाद भी विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। जिसके बारे में हम बाद में चर्चा करेंगे।
विश्वकर्मा डे क्यों मनाते हैं? Vishwakarma Day Kyu Manaya Jata Hai l
Vishwakarma History In Hindi
भगवान विश्वकर्मा का जन्म समुद्र मंथन में हुआ था जो देवताओं और शैतानों ने मिलकर किया था। हिंदू पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि भगवान विश्वकर्मा ने दुनिया का निर्माण नहीं किया था बल्कि द्वारका शहर का निर्माण किया, जो तब भगवान कृष्ण द्वारा शासित था। वह वज्र नामक शक्तिशाली अस्त्र के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है जिसे इंद्र द्वारा ले जाया गया था। भगवान विश्वकर्मा अपने हथियारों और वाहनों के साथ हिंदू देवी-देवताओं के सभी महलों के निर्माता हैं। इन्होने युधिष्ठिर की नगरी इन्द्रप्रस्थ का भी निर्माण किया था। इन्होने महर्षि दधिची की वस्तुओं को भी बनाया था। कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही इन्द्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी, शिवमंडलपुरी आदि का निर्माण किया था। पुष्पक विमान का निर्माण और सभी देवों के भवन और उनके दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएं भी भगवान विश्रकर्मा द्वारा ही बनाई गई हैं।
विश्वकर्मा डे पूजा विधि क्या है? Vishwakarma Pooja Vidhi
दोस्तों अब बात करते है विश्वकर्मा डे पूजा विधि के बारे में। दोस्तों भारत एक विशाल राष्ट्र है। यहां विभिन्न प्रकार के लोग रहते है। इतनी विभिन्नता के कारण भारत में विभिन्न स्थानों में ये सभी पुजाए विभिन्न प्रकार से की जाती है। उत्तर भारत में ये पूजा अलग तरीके से की जाती है तथा दक्षिण भाषा में अलग तरीके से। लेकिन दोस्तों आज हम उस विश्वकर्मा डे पूजा विधि के बारे में बात करने वाले है जो पूरे भारत में 1 प्रकार से की जाती है। तो चलिए विश्वकर्मा डे पूजा विधि के बारे में जानते है –

- इस दिन प्रात: स्नान आदि करने के बाद पत्नी के साथ पूजा स्थान पर बैठ जाएं।
- सबसे पहले गणेश जी का आवाहन करें। किसी भी पूजा से पूर्व हमेशा गणेश जी की पूजा की जाती है।
- इसके बाद विष्णु भगवान का ध्यान करने के बाद हाथ में पुष्प, अक्षत लेकर – ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम: कहकर चारों ओर अक्षत छिड़के और पीली सरसों लेकर चारों दिशाओं को बांधे ।
- अपने हाथ में रक्षासूत्र बांधे और पत्नी को भी बांधे।
- पुष्प जल पात्र में छोड़े।
- इसके बाद दिल में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें। रक्षा दीप जलाये, जल के साथ पुष्प लेकर संकल्प करें।
- शुद्ध भूमि पर अष्टदल (आठ पंखुड़ियों वाला) कमल बनाए।
- उस स्थान पर सात अनाज रखे।
- इसके बाद पंच पल्लव (पांच पेड़ो के पत्ते), सात प्रकार की मिट्टी, सुपारी, दक्षिणा कलश में डालकर कपड़े से कलश का ढक दें।
- चावल से भरे पात्र समर्पित कर ऊपर विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति स्थापित करें और वरुण देव का आह्वान करें।
- पुष्प चढ़ाकर विश्वकर्मा जी का ध्यान करें।
- पूजन के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि की पूजा कर हवन यज्ञ करें और भगवान विश्वकर्मा जी की आरती करें।
दोस्तों उपरोक्त विश्वकर्मा डे पूजा विधि के द्वारा आप भगवान विश्वकर्मा जी को प्रसन्न कर सकते है। दोस्तों ये एक सामान्य तरीका है जिसकी मदद से आप विश्वकर्मा जी की पूजा कर सकते है। यदि आप किसी विशेष तरीके से विश्वकर्मा पूजा करना चाहते है तो आप किसी भी ऑनलाइन या ऑफलाइन बुक स्टोर से विश्वकर्मा पूजा की किताब खरीद सकते है।
विश्वकर्मा डे की आरती l Vishwakarma Ji Ki Aarti :-
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा। सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा, ॐ जय…
आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया। जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया, ॐ जय…
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई। ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि का, ॐ जय…
रोग ग्रस्त राजा ने कहा, जब आश्रय लीना। संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना, ॐ जय…
जब रथकार दंपति, तुमरी टेर करी। सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरि सगरी प्रार्थना ॐ जय…
वनानन कलानन, पंचानन राजे। त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे भु ॐ जय…
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे। मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे वे ॐ जय…
“श्री विश्वकर्मा जी” की आरती, जो कोई नर गावे। कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे स्वामी ॐ जय…
Vishwakarma Ji Ki Aarti : श्री विश्वकर्मा जी आरती | Vishwakarma Aarti | Dinesh Mali | FULL Audio | Rajasthani Bhakti Song
विश्वकर्मा डे आफ्टर दिवाली :
विश्वकर्मा पूजा के विषय में कई भ्रांतियां है। कई लोग भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विश्वकर्मा पूजा करते हैं तो कुछ लोग इसे दीपावली के अगले दिन मनाते हैं। इस दिन को मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। इसे क्षेत्रीय रूप से अन्नकूट (अनाज का ढेर), पड़वा, बाली प्रतिपदा जैसे अन्य नामों से भी पुकारा जाता है।
इसे डे आफ्टर दिवाली अर्थात दिवाली के 1 दिन बाद क्यों मनाया जाता से जुड़ा कोई स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं हैं। लेकिन कुछ विद्वानों का मानना है कि ऐसा तब होता है जब विश्वकर्मा डे को चन्द्र तिथियों के हिसाब से देखा जाता है।
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दोस्तों आशा करता हूं आपको सभी सवाल विश्वकर्मा डे कब है ? विश्वकर्मा डे कब मनाया जाता है ? Vishwakarma Day 2019 विश्वकर्मा डे जयंती 2019, विश्वकर्मा डे क्या है, विश्वकर्मा डे क्यों मनाते हैं, विश्वकर्मा डे पूजा विधि क्या है? विश्वकर्मा डे की आरती l Vishwakarma Ji Ki Aarti तथा विश्वकर्मा डे आफ्टर दिवाली अर्थात दीवाली के 1 दिन बाद क्यों मनाई जाती है, के जवाब मिल गए होंगे। यदि हमारे आर्टिकल Vishwakarma Day 2019. विश्वकर्मा डे जयंती 2019. विश्वकर्मा डे पूजा विधि और आरती से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है। हम जल्दी से जल्दी आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे। यदि हमारे आर्टिकल Vishwakarma Day 2019. विश्वकर्मा डे जयंती 2019. विश्वकर्मा डे पूजा विधि और आरती से जुड़ी कोई भी राय आप देना चाहते है तो आप कमेंट सेक्शन में दे सकते है। आपकी राय हमारे लिए अति आवश्यक है ।
Vishvakarma ji ki achchhi jaankari mili.ye post bahut achchhi lagi.dhanyawad