Heart Attack kya hota hai. Heart Attack in Hindi. Heart Attack ke karan in hindi. Heart Attack Symptoms in Hindi. Heart Attack Treatment. Cardiac Arrest Meaning in Hindi. Cardiac Arrest Treatment. Heart Attack se bachne ke upay. Heart Attack kaise aata hai. Cardiac Arrest se kaise bache. Cardiac Arrest ke karan. Cardiac Arrest ke lakshan in hindi.
दोस्तों हमारे दिल के अंदर विभिन्न प्रकार की बीमारियां (Heart Diseases) आ सकती है. जिसके कारण हमारा दिल काम करना बंद कर सकता है और हमें दिल का दौरा पड़ सकता है. Heart Attack किसी भी उम्र में आ सकता है. Heart Attack बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक और महिलाओं से लेकर पुरुषों तक सभी को आ सकता है. लेकिन 30 से 35 साल की उम्र से पहले इसका खतरा बहुत कम होता है. यदि आपके परिवार में किसी को दिल का दौरा पहले आया हुआ है तो आप सभी परिवार वालों को डॉक्टर से निरंतर चेक करवाना चाहिए, क्योंकि यह बीमारी विरासत में भी मिल सकती है.
इस बात का कोई पता नहीं है कि कब किस व्यक्ति को कहीं पर भी चलते चलते उसके दिल में problem आ सकती है.आज हम उन सभी कारणों के बारे में बात करेंगे और उन सभी बीमारियों के लक्षणों के बारे में भी बात करेंगे और उनके क्या उपाय हो सकते हैं इस बात पर भी चर्चा करेंगे. दोस्तों आइए जानते हैं सबसे पहले हमारा दिल किस प्रकार से काम करता है.
Heart Attack कैसे आता है? लक्षण और बचने के उपाए? Cardiac Arrest क्या होता है? Cardiac Arrest और Heart Attack में अंतर
हमारा दिल किस प्रकार से काम करता है.
हमारे दिल में एक electric malfunction होता है जो कि हमारे दिल को धड़कने में मदद करता है अर्थात यह है कि हमारे दिल की हर धड़कन (Heartbeat) के लिए एक बहुत छोटे से करंट की आवश्यकता होती है जो कि दिल के कोने में एक electric node इस चीज का काम करती है electric node दिल की हर धड़कन के लिए दिल को हल्का सा करंट देती है जिससे हमारा दिल धड़कता है.
हमारा दिल पूरे शरीर में रक्त प्रवाह (blood flow) के लिए उत्तरदाई है. जानकारी के लिए आपको बता देते हमारा शरीर भी मशीन की तरह ही काम करता है जिसमें दिल का यह काम होता है कि वह हमारे शरीर में मौजूद हमारे खून को शरीर के सभी अंगो में पहुंचाने का कार्य करता है. दोस्तों दिल में खास तौर पर 3 सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बीमारियां पाई जाती है जैसे कि Angina, Heart Attack और Cardiac arrest.
कैसे पता लगाएं मरीज को Heart Attack आया है या या Cardiac Arrest हुआ है.
Cardiac Arrest or Heart Attack में क्या अंतर है ?
Heart Attack or Cardiac Arrest में क्या अंतर है ?
Heart Attack Cardiac Arrest Difference ?
यदि कोई इंसान आपके पास अचानक से गिर जाता है और उसको छाती में अचानक से तेज दर्द होता है, और वह दर्द सरकता हुआ उसके हाथ में भी होता है और मरीज को पसीने (Sweating) छूट रहे हो तो अब समझ जाइए कि है Heart Attack है.
यदि कोई इंसान अचानक से कहीं पर गिर जाता है और उसे होश नहीं होता है. यानी कि वह बात नहीं कर पाता है, तो आप सबसे पहले चेक कीजिए कि उसको सांस आ रहा है या नहीं और उसकी नाड़ी चल रही है. यदि यह दोनों ही ना चल रहे हो तो आप समझ जाइए कि यह Cardiac Arrest है.
किसी इंसान की सांस चेक करने के लिए आप अपनी उंगलियों के ऊपर जो बाल (Hairs above finger) है और है क्या मरीज की नाकके बिल्कुल पास लेकर जाए (In fron of Nose . उंगलियों के ऊपर जहां पर बाल होते हैं वह हिस्सा संवेदनशील (Sensitive) होता है और इससे हवा लगने से हमें मरीज की सांस चलने या ना चलने का अंदाजा बहुत आसानी से लग जाता है.
Heart Attack अथवा Cardiac Arrest का मुख्य कारण क्या है ?
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दोस्तों यह सभी बीमारियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही है बहुत से लोग इसका शिकार होते जा रहे हैं देश का सबसे मुख्य कारण की यह है कि शराब (Alcohol) का अधिकतम सेवन धूम्रपान (Smoking) करना और फास्ट फूड (Fast Food) और ज्यादा चिकनाई (Fat) और आलस में रहना मतलब कि कोई भी व्यायाम (exercise) ना करना, High Blood Pressure, Dimabeties (मधुमेह), फल और सब्जिया (Fruits and Vegetables) कम खाना और ज्यादा मोटापा (obesity) भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है।
इन सभी बुरी आदतों की वजह से ही हमारे शरीर और दिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है. जैसा कि आप जानते हैं दिल हमारे पूरे शरीर के सभी अंगों में खून पहुंचाने का काम करता है और जब दिल में खून की नसों (Arteries) में वसा /कचरा जमा होने लग जाता है तब नसों में खून के थक्के (Clots) जम जाते हैं और उन थक्को की वजह से हमें Heart Attack आता है थक्के जमने से खून का प्रवाह रुक जाता है और प्रभाव रुकने की वजह से दिल पर जोर पड़ता है. खून की नसों में जितना ज्यादा थक्का जमता जाएगा इतनी ही परेशानी हमारे दिल को धड़कने में होती है और फिर एक वक्त ऐसा आता है जब दिल धड़क नहीं पाता और हमें अटैक आ जाता है. इसलिए दोस्तों हर रोज कम से कम 20 मिनट व्यायाम जरूर करें.
दोस्तों चलिए बात करते हैं
Heart Attack और Cardiac Arrest के लक्षणों के बारे में (Symptoms of Heart Attack and Cardiac Arrest)
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Heart Attack और Cardiac Arrest के बहुत से कारण होते है लेकिन चलिए दोस्तों हम बात करते है कुछ खास लक्षणों के बारे में Cardiac Arrest और Heart Attack आने से पहले करीब 15-20 दिन से लेकर 1 महीने पहले ही हमारे अंदर Heart Attack और Cardiac Arrest के कुछ लक्षण होते हैं, जिन्हें हम कई बार पहचान नहीं पाते. तो चलिए दोस्तों हम जानते हैं कुछ लक्षणों (Symptoms) के बारे में ताकि आप सतर्क हो जाएं और अपने दोस्तों और परिवार वालों को भी कर सके और किसी ना किसी की जान बचा सके.
लक्षण #1. सीने में भारीपन महसूस होना (Chest Heaviness) – जब हमारे शरीर में किसी प्रकार का भारीपन जकड़न या कोई खिंचाव महसूस होता है तो हमें जल्द से जल्द किसी Cardiologist यानी कि दिल के डॉक्टर को दिखाना चाहिए यह एक मुख्य लक्षण हो सकता है.
लक्षण #2.बिना किसी बात के थकान होना (Restlessness) – दोस्तों यदि आप कोई भी काम नहीं करते हैं और बैठे–बैठे या बिलकुल ही 5 साल खत्म होने पर अपने आप को बहुत ज्यादा थकान हो जाती है यह भी दिल के दौरे का एक बहुत बड़ा लक्षण है आप जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं.
लक्षण #3.बहुत लंबे समय से खांसी और जुकाम का होना (Long Term Cough and Cold) – दोस्तों यदि आपने से किसी को बहुत ही लंबे समय से लगातार खांसी और जुकाम दोनों है और वह दवाई ले ली पर भी जल्दी से ठीक नहीं हो रही है. आपके परहेज रखने के बावजूद भी यह काबू में नहीं आ रहा है तो आप समझ जाइए कि यह भी दिल की बीमारी से जुड़ा एक कारण हो सकता है. इसका कारण यह है कि हमारे दिल को संपूर्ण मात्रा में ऑक्सीजन (Oxigyn) नहीं मिल पाती है और ऑक्सीजन न मिलने के कारण हमारा Immune System जो कि शरीर को खुद ब खुद ठीक करने के लिए काम करता है और बीमारियों से लड़ने के लिए हमेशा आगे रहता है बहन खराब होने लगता है. इसलिए यह लक्षण लगते ही आप अपना अच्छे हॉस्पिटल से चेकअप करवाएं.
लक्षण #4. हाथों और पैरों में बिना किसी चोट के सूजन का आना (Swelling in Hands and Feet) – दोस्तों यदि आपके हाथों या पैरों में सूजन आने शुरू हो जाती है और वह भी बिना किसी चोट के लगने से तो आप समझ लीजिए यह दिल के दौरे का एक बहुत ही बड़ा लक्षण है. दिल की बीमारी की वजह से हाथ और पैरों में सूजन का कारण यह है कि आपका दिन ठीक तरीके से नहीं धड़क रहा है और ठीक तरह से ना तो लगने की वजह से आपके शरीर में खून का प्रवाह (Blood Flow) ठीक ढंग से नहीं हो रहा है. इसलिए ऐसा लक्षण होते हैं जल्द से जल्द एक अच्छे डॉक्टर से मिले.
लक्षण #5. सांस लेने में कठिनाई (Difficulty in Breathing) – यदि आपको किसी प्रकार की सांस लेने में कठिनाई हो रही है तो आप बिल्कुल सतर्क हो जाइए क्योंकि जब आपके दिल में बहुत ज्यादा तनाव हो जाता है तो आप को सांस लेने में कुछ नहीं आनी शुरू हो जाती है आपको सांस लेने में कठिनाई हो या बहुत जल्दी फूल जाता हो या लंबी सांस ना ले सको तो आपको अपने दिल को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए. जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं और उनके द्वारा बताए गए जरूरी टेस्ट करवाएं.
लक्षण #6. धड़कन का बिना किसी वजह के बढ़ना (Increasing Heatbeat) – यदि आप की धड़कन बिना किसी वजह के यानी कि बिना कोई मेहनत का काम किए बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और बार–बार पड़ती रहती है तो यह भी Heart Attack आने का एक प्रारंभिक लक्षण (Early Symptom) है.
Heart Attack कैसे आता है? लक्षण और बचने के उपाए? Cardiac Arrest क्या होता है? Cardiac Arrest और Heart Attack में अंतर
Heart Attack या Cardiac Arrest होने पर किस प्रकार से जान बचाएं ?
Cardiac Arrest se bachne ke upay ? Heart Attack se kaise bache ?
यदि किसी को Heart Attack आ जाए या Cardiac Arrest हो जाता है तो आप काफी हद तक उस मरीज (patient) की जान बचा सकते हैं, फिर चाहे आप पढ़े हुए हो या अनपढ़ हो इसके लिए आपको किसी प्रकार का कोर्स (Course) करने की जरूरत नहीं और ना ही आपको किसी तरह के उपकरण (equipment) की जरूरत है. चाहे आप कहीं पर भी हो यदि आपके आसपास किसी को Heart Attack आ जाता है तो उसकी जान बचा सकते हैं.
Heart Attack आने पर क्या करें ? Heart Attack Treatment in Hindi.
यदि किसी इंसान को किसी भीड़ वाली जगह पर Heart Attack आ जाता है तो आप उसे सबसे पहले खुली जगह पर लेकर जाएं या फिर वहां से भिड़ी को जल्द से जल्द हटाए, ताकि वहां पर खुली हवा मरीज को लग सके और ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा मरीज को मिल सके. साथ ही साथ आपको मरीज को यह हौसला दिलाना होगा कि आपको कुछ भी नहीं हुआ है बिल्कुल साधारण दर्द है और यह है आराम से ठीक हो जाएगा मतलब यह है कि मरीज घबराना नहीं चाहिए. यदि मरीज बंद कमरे में है तो आप उसके सारे खिड़की दरवाजे खोल दें. अंत में सबसे जरूरी काम यह करें कि जल्द से जल्द किसी डॉक्टर का प्रबंध करें या मरीज को डॉक्टर के पास ले जाने का प्रबंध करें.
Cardiac Arrest होने पर क्या करें ? Cardiac Arrest Treatment in Hindi.
यदि कोई इंसान आपके पास अचानक से गिर जाता है उसकी सांसे और नाड़ी नहीं चलती है और उसका शरीर नीला पड़ने लग जाता है तो आप समझ जाइए कि उस व्यक्ति के पास बिल्कुल भी समय नहीं है वह ना ही आपके पास समय है अपना कीमती समय बिना गवाएं जल्द से जल्द उपचार शुरू कर दे. आपको पहले CPR करना होगा.
CPR कैसे करते हैं ? CPR कैसे होता है ? CPR की full form क्या है ?
CPR की full form Cardio-Pulmonary Resuscitation है. चलिए जानते है CPR कैसे होता है. सबसे पहले Cardiac Arrest के मरीज को जमीन पर बिल्कुल सीधा लिटा दें. और आप खुद मरीज के छाती (Chest) के पास जमीन पर घुटने टीकाकर बैठ जाएं. और मरीज को चेक कर ले कि वह होश में है या नहीं जैसे कि उसे अपनी उंगलियों से चुंटी दबाकर (give him pain by pressing two finger) दर्द करके देखें की मरीज को दर्द हो रहा है या नहीं और जैसा कि आपको ऊपर बताया गया उसकी सांस और नाड़ी जरूर चेक कर ले. यदि मरीज का कुछ भी ना चल रहा हो तो आप उसका उपचार शुरू कर सकते हैं.
ध्यान रहे यह सभी कार्य जल्द से जल्द से Seconds के हिसाब से होने चाहिए क्योंकि आपके पास समय है और ना ही मरीज के पास समय है. मरीज की छाती के पास घुटने के बल बैठकर सबसे पहले अपने एक हाथ को छाती है बीच (दोनों निप्पल के बीच) (Between The Breasts) में रखें। और दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रखें और ऊपर वाले हाथ की उंगलियों को नीचे वाले हाथ की उंगलियों में फंसा ले. जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है.
Image Credit : Virtual College
सबसे जरूरी बात कि आपके हाथों की कोहनी (Elbow) बिल्कुल भी मुड़नी नहीं चाहिए। यह स्थिति बनाने के बाद आपको जल्दी जल्दी मरीज की छाती को लगातार दबाना है (Continue press the Chest). लेकिन इस में ध्यान रखने योग्य बात यह है कि आप की छाती दबाने की रफ्तार 1 मिनट में 100 बार होनी चाहिए. यदि आप 1 मिनट में इससे कम छाती दबा रहे हैं, तो यह उपचार काम नहीं करेगा। और दूसरी बात आपको यह ध्यान में रखनी होगी कि जब आप छाती दबाते हैं, तो हर दबाव में छाती करीब 1½ इंच यानी 5 सेंटीमीटर तक नीचे जानी चाहिए।
आपको छाती का दबाव लगातार तब तक शुरू रखना चाहिए जब तक कि मरीज को ठीक से होश ना आ जाए या फिर आपके पास 10 मिनट के अंदर कोई मेडिकल मदद ना आ जाए. दोस्तों यह बात हमेशा याद रखना कि छाती का दबाव मतलब CPR बिल्कुल लगातार होना चाहिए यह सेकेंड के लिए भी रुकना नहीं चाहिए। आपकी शुरू की 10 मिनट किसी की जान बचा सकती है. और दोस्तों असली CPR वही होता है जब छाती के अंदर की कुछ ribs (छाती की हड्डियां) टूट ना जाए. कुछ लोग यह सोचकर बिल्कुल धीरे धीरे छाती को दबाते हैं की मरीज की ribs न टूट जाये। लेकिन दोस्तों ये सोचने की बात नहीं है. आप अपना काम करते रहिए चाहे मरीज की ribs टूट जाए.
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दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट ” Heart Attack कैसे आता है? लक्षण और बचने के उपाए? Cardiac Arrest क्या होता है? Cardiac Arrest और Heart Attack में अंतर ” कैसी लगी हमे जरुर बताये . अगर आपका Cardiac Arrest और Heart Attack के बारे में कोई भी सवाल है तो आप हम से कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ है.
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